Travis Head को आउट करना आसान है अगर…Harbhajan
ट्रैविस हेड ने 12 टेस्ट मैचों में भारत के ख़िलाफ़ क़रीब क़रीब 1000 रन बना लिये हैं। 63 से ऊपर का उनका औसत है। टीम इंडिया को अभी तक वो कुंजी नहीं मिली है जिससे वो हेड की गुत्थी सुलझा सके। एडिलेड में उन्होंने भारत के गेंदबाज़ों की ऐसी धुनाई की कि 141 गेंदों में 140 रन बना लिये। जब वो क्रीज़ पर आये तो ऑस्ट्रेलिया 100 एक रन पर तीन विकेट खो के लड़खड़ा रहा था। हेड ने आते ही इंडिया के गेंदबाज़ों को धुनना शुरू किया और दो घंटे में मैच का रुख़ ही बदल दिया। उनकी क़िस्मत इस बात में भी अच्छी रही कि जसप्रित बुमराह एक तरह से अपना स्पेल ख़त्म कर चुके थे। मोहम्मद सिराज और हर्षित राणा की तरकश में कोई भी ऐसा तीर नहीं था जिससे वो हेड को भेद सकें। और ये पहली बार नहीं हुआ है। हेड हमेशा से भारतीय गेंदबाज़ों के लिये नासूर साबित होते रहे हैं। जब हेड इंडिया को एडिलेड में दोह रहे थे तो कमेंटरी कर रहे हरभजन सिंह ख़ासे नाराज़ हो रहे थे। हरभजन कह रह थे कि भारतीय गेंदबाज़ों का दिमाग़ चल निकला है। दिमाग़ से पैदल हो गये हैं। हरभजन नाराज़ इस लिये थे कि किसी भी गेंदबाज़ ने ट्रैविस हेड पर बाउंसर मारने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि आप कभी भी हेड को इंग्लैंड के ख़िलाफ़ रन बनाते नहीं देखोगे। हेड सिर्फ़ एक बात से परेशान होते हैं जब गेंद उनके सीने पर या बदन पर आती है। और भारत के गेंदबाज़ों ने कभी भी उन्हें बाउंस कराने की कोशिश नहीं की। हेड की विशेषता ये है कि वो पीछे से ही खेलते हैं। यानी बैकफ़ुट पर ही रहते हैं। और वहीं से उनके रिफ़्लेक्स इतने अच्छे हैं कि वो गेंद को कट और स्टीर करते हैं। जब गेंद पैरों पर होती है तो उसे स्क्वायर लेग या मिडविकेट के ऊपर से ठोंक देते हैं। हरभजन कहते है कि इसका एक ही उपाय है अगर भारत के गेंदबाज़ हेड के बदन पर गेंद फेंकें। नहीं तो हेड इस पूरी श्रृंखला में नासूर हो जाएँगे और एक तरह से सीरीज ऑस्ट्रेलिया की झोली में डाल देंगे। अब हरभजन ने ये बात तो कह दी। पर इस सुझाव पर अमल कौन करेगा। जसप्रित बुमराह और मोहम्मद सिराज दोनों बाउंसर का बहुत इस्तेमाल नहीं करते। हर्षित राणा बाउंसर का इस्तेमाल कर सकते हैं पर हर्षित की प्रॉब्लम ये है कि एक स्पेल के बाद वो थकने लगते हैं। ऐसी में हेड की चाँदी लगी हुई है। इंडिया के स्पिनर तो ख़ैर उनपर कोई दबाव डाल ही नहीं पाते हैं। ना ही टीम में कोई लेफ्ट-आर्म फ़ास्ट बॉलर है जो उनको परेशान कर सके। जब वो खेलने आते हैं तब गेंद भी ख़ासी पुरानी हो चुकी होती है। बुमराह वग़ैरह अपना स्पेल डाल चुके होते हैं। और हेड फिर कुटाई शुरू करते हैं। देखते हैं कि आगे के तीन टेस्ट मैचों में इंडिया हेड का क्या तोड़ निकलती है। क्योंकि अगर हेड का तोड़ नहीं निकला, तो हेड इंडिया को फोड़ देंगे।